Monday, March 29, 2010

इंदौर में और सख्त हो तम्बाकू नियंत्रण कानून


तम्बाकू नियंत्रण कानून के लागू हो जाने के डेढ़ साल बाद भी इंदौर में ज्यादातर जगहों पर इस कानून के सख्ती से पालन की जरुरत है। तम्बाकू नियंत्रण कानून का सार्वजनिक स्थानों पर कितना पालन हो रहा है यह देखने के लिए मध्य प्रदेश वालंटरी हेल्थ एसोसिएशन , इंदौर की निगरानी टीम द्वारा एक अध्ययन किया गया। इस अध्ययन में इंदौर के प्रमुख सार्वजनिक स्थानों पर जाकर देखा गया की वहाँ पर तम्बाकू नियंत्रण कानून का पालन हो रहा है या नहीं ।

अध्ययन के समन्वयक एम् पी वी एच ए के प्रोग्राम ऑफिसर बकुल शर्मा और तकनीकी सलाहकार डा. शालिनी कपूर ने बताया की इस अध्ययन को करने में मध्य प्रदेश वालंटरी हेल्थ एसोसिएशन , इंदौर द्वारा बनायीं गई निगरानी टीम का योगदान सराहनीय रहा, टीम में करीब २० लोग शामिल है जिसमे डाक्टर ,समाज सेवक,नगर सुरक्षा समिति सदस्य ,वरिष्ठ नागरिक आदि है। इस टीम द्वारा संस्थानों में जाकर तम्बाकू नियंत्रण कानून की जानकारी दी गई और संस्थान प्रमुख को तम्बाकू नियंत्रण के विभिन्न प्रावधानों के बारे में बताया गया और यह भी बताया गया की वे अपने संस्थान को कैसे धूम्रपान मुक्त कर सकते है । इस टीम को बनाने का मुख्य उद्देश्य इंदौर के सभी सार्वजनिक संस्थानों को धूम्रपान मुक्त बनाकर इंदौर को स्मोकफ्री सिटी बनाना है।
इस अध्ययन में ११२ सार्वजनिक स्थानों में तम्बाकू नियंत्रण कानून 2003 के अनुपालन को देखा गया जिसमे २५ सरकारी कार्यालय , ८ प्राइवेट ऑफिस ,५ बैंक ,१६ हॉस्पिटल ,१६ होटल और ४२ शैक्षणिक संस्थानों के प्रमुखों से मुलाकात की गई।

अध्ययन के प्रमुख निष्कर्ष
• ११२ में से सिर्फ ४७ सार्वजनिक स्थानों (४२ प्रतिशत) जगहों पर ही धूम्रपान निषेध सम्बन्धी बोर्ड लगे थे ।उनमे भी सिर्फ २२ स्थानों (२० प्रतिशत) पर ही कानून के अनुसार निर्धारित प्रारूप के बोर्ड लगे थे।

• २५ में से सिर्फ १५ सरकारी कार्यालयों में धूम्रपान निषेध सम्बन्धी बोर्ड लगे थे उनमे भी सिर्फ २ जगहों पर कानून द्वारा निर्धारित प्रारूप के बोर्ड लगे थे बाकि जगहों पर सामान्य बोर्ड लगे थे ।इसके अलावा सिर्फ २ जगहों पर धूम्रपान निषेध सम्बन्धी शिकायत अधिकारी का नाम मौजूद था।

• ८ प्राइवेट ऑफिस में से सिर्फ २ में , ५ बैंक में से सिर्फ २ में,१६ होटल में से सिर्फ ११ में ,१६ हॉस्पिटल में से सिर्फ १० में,११ कालेज में से सिर्फ ४ में और ३१ स्कूलों में से सिर्फ ३ में धूम्रपान निषेध सम्बन्धी बोर्ड लगे थे ।

• ११२ में से सिर्फ ८ (७ %) जगहों पर धूम्रपान निषेध सम्बन्धी शिकायत अधिकारी का नाम मौजूद था ।

• ४२ शैक्षणिक संस्थानों में से ९ संस्थानों (२१ %) के ३०० फीट के दायरे में तम्बाकू उत्पाद की दुकान मौजूद थी इसके अलावा ४२ में से सिर्फ ५ संस्थानों ने अपने गेट पर संस्थान के ३०० फीट के दायरे में तम्बाकू बिक्री निषेध सम्बन्धी बोर्ड लगा रखे थे।कानून के अनुसार सभी शैक्षणिक संस्थानों के ३०० फीट के दायरे में तम्बाकू उत्पाद की दूकान प्रतिबंधित है और इसके अनुपालन के लिए शैक्षणिक संस्थानों को अपने गेट पर बोर्ड भी लगाना है जिस पर लिखा हो की “इस संस्था के १०० गज के दायरे में तम्बाकू उत्पाद की दुकान प्रतिबंधित है” ।

• ११२ स्थानों में से सिर्फ १ जगह चालान बुक मौजूद थी।उल्लेखनीय है की सार्वजनिक स्थानों पर यदि कोई धूम्रपान करता हुआ पाया जाता है तो उसे २०० रु तक का अर्थदंड किया जा सकता है । इस के लिए निर्धारित चालान बुक मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थय अधिकारी से प्राप्त की जा सकती है ।

मध्य प्रदेश वालंटरी हेल्थ एसोसिएशन , इंदौर के कार्यकारी निदेशक श्री मुकेश कुमार सिन्हा का कहना है की इस अध्ययन को करवाने का मकसद यही है की इंदौर जिला पूरे प्रदेश में तम्बाकू नियंत्रण कानून के पालन में अग्रणी हो और इंदौर की जनता को धूम्रपान मुक्त वातावरण मिले । गौरतलब है की भारत में चंडीगढ़ और कोट्यम तम्बाकू मुक्त घोषित हो चुके है ऐसे में इंदौर में भी सभी सार्वजनिक संस्थानों में यदि धूम्रपान निषेध कानून का पालन किया जाये तो जल्द ही हम भी इंदौर को तम्बाकू धूम्रमुक्त घोषित कर सकते है । चूँकि राज्य तम्बाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ भी इंदौर में ही है इसलिए इंदौर से तम्बाकू नियंत्रण के क्षेत्र में अपेक्षाए ज्यादा है ।

क्या है तम्बाकू नियंत्रण कानून ?
लोगों को तम्बाकू आपदा से बचाने के लिए हमारी संसद ने सिगरेट और अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य, उत्पादन, प्रदाय और वितरण का विनियमन) अधिनियम, 2003 (COTPA) बनाया था । इस कानून को २ अक्टूबर २००८ से पूरे देश में लागू कर दिया गया ।

तम्बाकू नियंत्रण कानून 2003 के मुख्य प्रावधान :
सेक्शन ४ सभी सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान निषेध है ।
सेक्शन ५ तम्बाकू उत्पादों के प्रचार, प्रसार,उनके द्वारा प्रायोजन निषेध है ।
सेक्शन ६ अ १८ वर्ष से कम उम्र के बच्चो को तम्बाकू उत्पाद बेचना प्रतिबंधित है ।
सेक्शन ६ ब शैक्षणिक संस्थानों के १०० गज की परिधि में तम्बाकू उत्पादों का विक्रय प्रतिबंधित है ।
सेक्शन ७ तम्बाकू उत्पादों पर चित्रमय स्वास्थ्य चेतावनी प्रदर्शित होनी चाहिए।

4 comments:

  1. Achhee jamkaaree hai...afsos smokers apni aulad ke bareme bhi nahi sochte!

    ReplyDelete
  2. Aaisi janjagruti behad zarooree hai!

    ReplyDelete
  3. BAHUT ACHCHHI JARKARI. HINDI BLOG KEE DUNIYA ME AAPKA SWAGAT HAI.

    HOSHOHAWAS

    ReplyDelete
  4. हिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
    कृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देनें का कष्ट करें

    ReplyDelete